लोकगीत : गारी :
कालो बदला उनी आए बिजुली चमकि आए
बदला धड़कि आए जी बुंदियन बरसेंगे मेघ
समधि कुटुम आय पहुंचे जी
कितनु लख हस्ति आए
कितनु लख घोड़ी आई
कितनु लख आई बारात
समधि मेरे आय पहुंचे जी
दस लख हस्ति आए
बीस लख घोड़े आए
बारात की ओर न छोर
समधि मेरे आय पहुंचे जी
समधी जी को गोठ बांधूं
हस्ती लै सलैदा दुंगी
घोड़ी लै दानो दुंगी
समधी जी को भुख राखूं जी ..
बहुत ही खूबसूरत गीत लोकगीत है।
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Sach mein sundar
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