लोकगीत : वर स्नान :
उबटन मलिए
मैल छुडाइए
हल्दी के घर जाइए
हलद मोलाइए
तेली के घर जाइए
तेल मोलाइए
भाई बहिन मिली
तो दुल्हा नवाइए
कुमकुम कस्तूरी
परिमल अंग पैराइए
लोकगीत : वर स्नान :
उबटन मलिए
मैल छुडाइए
हल्दी के घर जाइए
हलद मोलाइए
तेली के घर जाइए
तेल मोलाइए
भाई बहिन मिली
तो दुल्हा नवाइए
कुमकुम कस्तूरी
परिमल अंग पैराइए