सिनेमा : संतान :
मानव जीवन में तीन कामनाएं प्रधान होती हैं – यश, धन और संतान।
संतान की कामना ही लज्जारज्जु तोड़कर प्रणय के प्रति समर्पित होने की
सहमति देती है। फिल्मी गीतों की भाषा में – सारा प्यार तुम्हारा मैंने बांध
लिया है आंचल में। एक एक पल गिनूं उस घड़ी के लिए, जिसकी उम्मीद में
हर कोई मां जिए। फूलेगा इक फूल खिलेगा प्यार हमारा, दिन का वो सूरज
होगा रातों का चांद सितारा, थोड़ा हमारा थोड़ा तुम्हारा, आएगा फिर से बचपन
हमारा, जीवन की बगिया महकेगी, खुशियों की कलियां झूमेंगी। फिल्म
‘आराधना‘ का यह गीत भी खूब चला –
चंदा है तू मेरा सूरज है तू
और मेरी आंखों का तारा है तू
नन्हा सा है कितना सुंदर है तू
छोटा सा है कितना प्यारा है तू