लोकगीत : विवाह गीत
विवाह संबंधी गीत वर एवं कन्या दोनों के घरों में गाए जाते हैं,
जिनका आरंभ गणेशपूजा तथा सुवाल पथाई से होता है। वरपक्ष
के गीतों में हर्ष एवं उल्लास की भावनाएं अधिक उमड़ती हैं, जब
कि कन्यापक्ष के गीतों में करुणा एवं विषाद की अंतर्धारा भी सहज
प्रवाहित होती रहती है।
सुवाल पथाई :
को ए ऊ पण्डित ले कणिकी मोलै छ
को ए ऊ सोहागिल ले कणिकी छरै छ
पण्डित रामीचंद्र ले लछीमनै ले कणिकी मोलै छ
सोहागिल सीतादेही ले बहूरानी ले कणिकी छरै छ
अंगूठा जतण बेडूला बणा छ छत्र जतण सुंवालि बणै छ
पड़ोसा बसनी सीतादेही ले बहूरानी ले सुंवालि बणै छ ….