दोहावली : योग :
गुरु जोगी दुव्वै दगड़
नै उन्नय अंताज
जां जान्नै हा्ेल आज इन
तुमै बता महराज
हमूं सिखैरा जोडि़बेर
द्वी संख्या हुंछ योग
अब पी टी है गै गणित
बड़ अजीब संजोग
मास्साब इस्कूल मैं
पैंली मुर्ग बनूंछ्य
आज लागन्नौ उन लगै
सायद योग करूंछ्य