कविता : घोटाला :
कहा जाता है कि
भारत एक कृषि प्रधान देश है
लेकिन मुझे लगता है कि यहां
कृषि कम होती है और घोटाले ज्यादा होते हैं
पुराने जमाने में पुरानी कविताओं की तरह
पुराने घोटाले भी बरसों याद रहते थे
अब नए जमाने में फिल्मी गानों की तरह
नए घोटाले भी कुछ हफ्तों तक ही याद रहते हैं
मीडिया में बार बार लगातार
धरना प्रदर्शनों की झलक देखकर
जब तक पब्लिक के दिल में तथाकथित
आरोपित को गोली मारने का आइडिया पुख्ता होता है,
तब तक कोई नया घोटाला
पुराने घोटाले के आगे आकर खड़ा हो जाता है कि –
इस गरीब को क्यों घूर रहे हो,
हिम्मत है तो मुझे गोली मार के दिखाओ !