ग़ज़ल : पहले :
फसल सम्हाली जाए पशुओं के चरने से पहले ही
फूल बटोर लिए जाऐं उनके झरने से पहले ही
शुभ मुहूर्त के समारोह में सारा दिन बरबाद न हो
क्या होगा गर शाम हो गई कुछ करने से पहले ही
जंगल के बारे में सोच-समझकर कुछ करना होगा
दुर्लभ जीवों की प्रजातियों के मरने से पहले ही
सोने के मृग की माया का लोभ त्याग दें राम अगर
रावण वध हो जाए सीता को हरने से पहले ही