लोकगीत : यज्ञोपवीत :
यज्ञोपवीत के गीतों में वाराणसी में यज्ञ, व्रतबंध,
यज्ञशाला रचना, गृहजाग, होम, लट न्यूतना ,
वटुक स्नान, शि क्षा, जनेऊ पहनाना, काशी गमन
आदि से संबंधित भाव मुखरित होते हैं।
वाराणसी में यज्ञ :
उठ भइआ लछीमन वाराणसी जौंला
वाराणसी जाइ बेर यज्ञ रचि ल्यौंला
काहे का ददज्यू मेरा खंब कटौला
काहे की बल्ली बणौला?
काहे का ददज्यू मेरा सूत्र फिरौला
काहे का समिधा बणौला?
सुना का लछिमन खंब कटौला
रूप की बल्ली बणौला?
रेशम को लछिमन सूत्र फिरौला
सोना का समिधा बणौला