ग़ज़ल : नहीं
इसको मत काटो ये बेगाना नहीं
तुमने शायद इसको पहचाना नहीं
जो इसे गूंगा अपाहिज मानते
उनसे बढ़के कोई दीवाना नहीं
यह तुम्हारी सांस का गोदाम है
अब तलक इस बात को जाना नहीं
पेड़ काटोगे तो पछताओगे तुम
यह इरादा मन में अब लाना नहीं
ग़ज़ल : नहीं
इसको मत काटो ये बेगाना नहीं
तुमने शायद इसको पहचाना नहीं
जो इसे गूंगा अपाहिज मानते
उनसे बढ़के कोई दीवाना नहीं
यह तुम्हारी सांस का गोदाम है
अब तलक इस बात को जाना नहीं
पेड़ काटोगे तो पछताओगे तुम
यह इरादा मन में अब लाना नहीं