सिनेमा : किशोर कुमार
किशोर कुमार ने फिल्म ‘हाफ टिकट’ में ट्रेन के डिब्बे के अंदर सलिल
चौधरी की धुन पर एक मजेदार गीत गाया है – चील चील चिल्ला के
कजरी सुनाए, झूम झूम कौवा भी ढोलक बजाए, अरे वाह वाह वाह वाह,
अरे वाह वाह वाह वाह –
छुक छुक छुक छुक चली जाती है रेल
छुप छुप छुप छुप तोता मैना का खेल
प्यार की पकौड़ी मीठी बातों की भेल
थोड़ा नून थोड़ी मिर्च थोड़ी सोंठ थोड़ा तेल
फिल्म ‘हम सब उस्ताद हैं’ में भी किशोर कुमार का ट्रेन में एक गाना है।
शुरू में इंजन की सीटी की आवाज के बाद कैमरा इंजन के आगे बढ़ते पहियों
पर भी टिकता है। कुल मिलाकर आपसी भाईचारे का उपदेश देने वाले इस
गीत का मुखड़ा है -‘प्यार बांटते चलो प्यार बांटते चलो, ना हिंदू ना मुसलमां
हम सब हैं भाई भाई’ –
प्यार है जिंदगी की निशानी ये बुजुर्गाें का कहना है यारो
एक ही साज के तार हैं सब हमको मिल जुल के रहना है यारो
सोचो कल क्या थे ? देखो अब क्या हो ?
देखो ले ना डूबे तुम्हें अपनी ये लड़ाई