सिनेमा : सहयोग :
आंधी तूफान से संघर्ष करने वाले भारत मां के सपूतों का अतीत
जितना अनोखा है, इतिहास उतना ही निराला। सेवा व त्याग के
अनुभावों से अनुप्राणित होकर न्याय के मार्ग पर चलते हुए उन्होंने
किसी भी प्रकार की बाधाओं की कभी भी चिंता नहीं की और अगर
कभी अन्यायी शक्तियों ने उन्हें पथभ्रष्ट करने के प्रयत्न किए, तो वे
टूट भले ही गए हों मगर झुके नहीं। उनके निःस्वार्थ वलिदानों और
आदर्श कर्मठता से शिक्षा ली जानी चाहिए –
मेहनत अपने लेख की रेखा
मेहनत से क्या डरना
कल गैरों की खातिर की
आज अपनी खातिर करना
अपना दुख भी एक है साथी
अपना सुख भी एक
अपनी मंजिल सच की मंजिल
अपना रस्ता नेक
साथी हाथ बढ़ाना
एक अकेला थक जाएगा
मिलकर बोझ उठाना
– साहिर लुधियानवी (फिल्म : नया दौर)