कविता : दानव लोक :
दानव लोक में
कोई जगह ऐसी नहीं
जहां पर पूजा न हो
कोई दानव ऐसा नहीं
जो तपस्वी न हो
जप से या तप से
किसी ताकतवर आका की
स्पेशल परमीशन लेकर
कोई दिलदार दानव जब
‘काॅमेडी सरकस’ के
जजों से भी ज्यादा
जोरदार अट्टहास करता है
रावण जैसी हिम्मत या
कंस की सी हरकत करता है
कहते हैं कि प्रजा का
गम गलत करने के लिए
किसी अवतार के हाथों
मारा जाता है