दोहावली : संबंध :
संबंधौं खन बात क्वे
कभ्भैं नै बांटि सक्नि
आंसि कत्ती लै तेज हो
पानि खन नै काटि सक्नि
कै बेर जान्या है अलग
लागनान पुछि बेर जान्य
और उनूं है लै असल
घरवाला कयौ मान्य
जो छन आप्न बिपत्ति मैं
कभैं न मुख फरकून
अगर आप्न हुन आंस हमर
आंख है भ्यार नि उन