गजल : ये जंगल :
कल की तनहाइयाँ ये जंगल हैं
आज रूसवाइयाँ ये जंगल हैं
आसमाँ के हसीन ख़्वाबों की
सब्ज परछाइयाँ ये जंगल हैं
गाँव के आस-पास नदियों की
शोख अंगड़ाइयां ये जंगल हैं
जिस हिमालय पे नाज करते हो
उसकी ऊंचाइयां ये जंगल हैं H
गजल : ये जंगल :
कल की तनहाइयाँ ये जंगल हैं
आज रूसवाइयाँ ये जंगल हैं
आसमाँ के हसीन ख़्वाबों की
सब्ज परछाइयाँ ये जंगल हैं
गाँव के आस-पास नदियों की
शोख अंगड़ाइयां ये जंगल हैं
जिस हिमालय पे नाज करते हो
उसकी ऊंचाइयां ये जंगल हैं H