गीत : सुमन :
कती स्वानी लागन्नै है सुमन
त्यर रूपै कि खुसबू मैं मगन
म्यर दिलौ भौंर गैन्नो यो भजन ….
ओ बाना !
तू छै पुन्यू को चनरमा
हर रात जुन्याली छ तेरी
आंखा मैं रीस हिरदय मैं छिमा
हर बात निराली छ तेरी
तुई कैदे कि कस्यैं हो्ल मिलन
कती स्वानी लागन्नै है सुमन