दोहावली : अनुरोध :
डंर्छ जत्त कै आदमी
उत्तै कै हुंछि हार
मर्न जत्ति हिम्मत अगर
करौ त है जौ पार
मौन मैं अगर सत्य हुंछ
कै ई देखि नै डर्न
ये ई कारन मौन खन
क्रोध सहन नै कर्न
माफ कर्न खन दया चैं
साफ कर्न खन क्रोध
क्रोधा मल्ली दया कर
बस एत्ती अनुरोध