गजल : जिंदगी :
टूटने और बिखर जाने का
जिंदगी नाम है मर जाने का
सिर्फ उम्मीद की कश्ती लेकर
दरिया ए गम में उतर जाने का
गांव से भागकर शहर आकर
किसी होटल में ठहर जाने का
घर या बाजार या दफ्तर या कहीं
रोज इधर और उधर जाने का
गजल : जिंदगी :
टूटने और बिखर जाने का
जिंदगी नाम है मर जाने का
सिर्फ उम्मीद की कश्ती लेकर
दरिया ए गम में उतर जाने का
गांव से भागकर शहर आकर
किसी होटल में ठहर जाने का
घर या बाजार या दफ्तर या कहीं
रोज इधर और उधर जाने का