लोकगीत :: पुण्याह वाचन ::
रामीचंद्र लछीमन दिन छन
धरणी धराय हो धरणी धराय
सीतादेही बहुराणी दियो बड़ो दान त
बड़ो रे अविय लै संपत्ति पुरियले
ऐवांति मंगल देली त ब्राह्मण वेद पढ़े
सुहागिनी मंगल देली त ब्राह्मण वेद पढे ….
(परिजनों के नामोच्चार सहित गायन)