तुम्हारे रूप का दर्पण
बना आदर्श छबियों का
तुम्हारे प्यार का सागर
बना आश्चर्य कवियों का
तुम्हारी खुशबुएं पाकर
हवा ने डोलना सीखा
तुम्हारे बोल सुनकर
कोयलों ने बोलना सीखा
तुम्हारी ज़ुल्फ को छूकर
घुमड़ते हैं घने बादल
तुम्हारे घुंघरुओं को सुन
हुई हैं बिजलियां चंचल
तुम्हारी गुनगुनाहट से
लहर की लय मचलती है
तुम्हारी मुस्कराहट से
नदी करवट बदलती है