भाई सहाब जे हियां क्या हो रिया हैगा
देखो जिसे कुर्सी पे पड़ा सो रिया हैगा
यूं तो किसी को खास सिकायत नहीं लेकिन
एक आम आदमी है खड़ा रो रिया हैगा
नादान सबेरे से ही लाइन में लगा है
जे काम के टाइम को युं ही खो रिया हैगा
ईमान के परचम को जे रूमाल बना ले
बेकार में डण्डे का बजन ढो रिया हैगा
जे देस किसानों का है इस देस के अन्दर
काटेगा बोई आज जे जो बो रिया हैगा