सुबह शाम पूजा करें या न करें जजमान
खुली हवा में टहलना रहे हमेशा ध्यान
रहे हमेशा ध्यान टहलना खुली हवा में
इतना लाभ नहीं है दारू और दवा में
पूजा तो आगे पीछे भी हो सकती है
जब तन में शक्ती है तब ही तो भक्ती है
सुबह शाम पूजा करें या न करें जजमान
खुली हवा में टहलना रहे हमेशा ध्यान
रहे हमेशा ध्यान टहलना खुली हवा में
इतना लाभ नहीं है दारू और दवा में
पूजा तो आगे पीछे भी हो सकती है
जब तन में शक्ती है तब ही तो भक्ती है