यूं तो दादी हर तरह लगती है गुणवान
लेकिन दारू के लिए बेवजह परेशान
बेवजह परेशान नहीं, ये लगता है अब
बिट्टू के दादा की याद सताती है जब
बन जाती है वजह माल की बरबादी की
कहो कि कैसे छूटे अब दारू दादी की
यूं तो दादी हर तरह लगती है गुणवान
लेकिन दारू के लिए बेवजह परेशान
बेवजह परेशान नहीं, ये लगता है अब
बिट्टू के दादा की याद सताती है जब
बन जाती है वजह माल की बरबादी की
कहो कि कैसे छूटे अब दारू दादी की