बात के जज़्बात को नोचा नहीं
इस कोताही पर कभी सोचा नहीं
पेड़ मत काटो सुना सबने मगर
इस मनाही पर कभी सोचा नहीं
पेड़ करता है हिफाजत आपकी
इस सिपाही पर कभी सोचा नहीं
हो गई बरबाद क्यों आब-ओ-हवा
इस तबाही पर कभी सोचा नहीं
बात के जज़्बात को नोचा नहीं
इस कोताही पर कभी सोचा नहीं
पेड़ मत काटो सुना सबने मगर
इस मनाही पर कभी सोचा नहीं
पेड़ करता है हिफाजत आपकी
इस सिपाही पर कभी सोचा नहीं
हो गई बरबाद क्यों आब-ओ-हवा
इस तबाही पर कभी सोचा नहीं