ये रिश्ता क्या कहलाता है, सुहानी सी एक लड़की, दिया और बाती के अलावा स्टार प्लस के सीरियलों प्रतिज्ञा, बहनें, हमारी देवरानी, विदाई, ससुराल गेंदा फूल, सबकी लाडली बेबो, सजन घर जाना है अथवा इमेजिन के सीरियलों जमुनिया, काशी, ज्योति, बंदिनी, देवी, सर्वगुणसंपन्न अथवा सोनी के सीरियलों गोद भराई, बात हमारी पक्की है, मान रहे तेरा पिता आदि धारावाहिकों में भी नारी जीवन का भावनात्मक संघर्ष अधिक उजागर हुआ है।
सब के साथ देखे जाने वाले तारक मेहता का उल्टा चश्मा, लापता गंज, जुगनी चली जलंधर, मनी बेन डाॅट काॅम में भी नारी पात्रों का बहुत बोलबाला है। ‘एफ आइ आर’ की चंद्रमुखी चैटाला का तो कहना ही क्या है। वाकई आज नायिका केवल सीरियलों की कहानियों में ही नहीं, जिंदगी की हकीकत में भी पूर्णतः सक्रिय है और हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रही है।