चोरों ने हाथ फेरे तिनकों पे दाढि़यों के
इल्जाम मढ़े सारे मत्थे कुल्हाडि़यों के
यह सच है कि लोहे से बन जाती है कुल्हाड़ी
पर पेड़ से निकले हैं हत्थे कुल्हाडि़यों के
जिस पेड़ की बदौलत ये आदमी जिन्दा है
उसने किए हैं पैदा जत्थे कुल्हाडि़यों के
एहसास के जंगल में लाईं जो कल हवाएँ
हाथों के नाम लिखे खत थे कुल्हाडि़यों के