जस्यैं आग लुकि रौं घौल मैं
जस्यैं पानि लुकि रौं नौल मैं
उस्यैं तू लै मेरी फाम मैं
जस्यैं ध्वां लुकि रौं हौल मैं
द्यख्न चान्नै त्यर रूपै की
एक झलक यो रात जुन्याली
ल्यख्न चान्नै त्यर रंगै की
एक गजल यो फूलै डाली
जस्यैं ढुंग घुरकनीं रौल मैं
जस्यैं काण फरकनीं सौल मैं
उस्यैं तू लै मेरी फाम मैं
जस्यैं ध्वां लुकि रौं हौल मैं