
टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे नायिका प्रधान सीरियलों ने प्रस्तावित महिला आरक्षण के प्रतिशत
को काफी पीछे छोड़ दिया है। लगभग सभी चैनलों पर नारी विषयक कहानियों को ज्यादा तरजीह
दी जा रही है। इनमें भी आंचलिक कहानियों की ओर विशेष झुकाव है, नतीजतन धारावाहिकों के
पात्रों के समाज, संस्कृति और भाषा में भी तबदीली आ रही है।
जी टीवी पर दिखाए जाने वाले धारावाहिकों में झांसी की रानी, अगले जनम मोहे बिटिया ही
कीजो, यहां मैं घर घर खेली, छोटी बहू, पवित्र रिश्ता, दो सहेलियां, 12/24 करोलबाग या
कलर्स पर प्रदर्शित बालिका वधू, गंगा, बैरी पिया, उतरन, ना आना इस देस लाडो व स्वरागिनी
की कहानियां प्रायः नारी पात्रों के इर्द गिर्द ही ज्यादा घूमती हैं।