पुराने सारे संस्कार भी अब प्रचलन में नहीं हैं और संस्कार गीत केवल मांगलिक
संस्कारों के अवसर पर ही गाए जाते हैं। किसी संस्कार के प्रारम्भ में अनिवार्यत:
गाए जाने वाले गीत शकुनाखर कहलाते हैं। शुभ कार्य में उपस्थित होने के लिए
देवगण / पितृगण / बन्धु-बान्धव आदि को निमंत्रित करने वाले गीत ‘न्यूतणो’
के अन्तर्गत आते हैं।
अनिवार्य संस्कार गीतों में कर्मकाण्ड सम्बन्धी वे गीत भी सम्मिलित हैं, जिनका
विषय हिन्दू धर्म में वर्णित दस कर्मों पर आधारित है। आजकल लोकाचार में सात
कर्म ही प्रचलित हैं, जिनसे सम्बंधित गीतों में कर्मकाण्ड विषयक मन्त्रों की छाया
झलकती है। जिस कर्म में होम नहीं होता, वहां आबदेब और अग्निस्थापन के गीत
नहीं गाए जाते।